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Preparation of ध्रुव वटी And It’s Uses

100 ग्राम स्वर्ण गैरिक।
100 ग्राम तारा मीरा।
लेकर खरल में डालकर अच्छी तरह से घुटाई करें।
फिर इस में दूब घास के स्वरस की दो भावना देकर 5 ग्राम मुक्ता पिष्टी डाल कर अच्छी तरह से घुटाई करें और फिर उस में घृत कुमारी का रस डालकर अच्छी तरह से घुटाई करें।
जब गोली बनाने योग्य पिट्ठी तैयार हो जाएं तो 4 रत्ती की वटी बनाकर छाया में सुखाकर कांच की बोतल में भरकर रख लें।
नोट,,,
शरद ऋतु में आप इन्हें धूप में भी सुखा सकते हैं।
वर्षा ऋतु में नहीं बनानी चाहिए।

Uses

  • बल्कि यूट्रस
  • फाईबराइड
  • अत्यार्तव में एवं मीनो पोज के बाद अचानक से होने वाले अत्यार्तव में विषेश गुण कारी है

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Written by Dr. Ajeet

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Irregular menses Ayurvedic Treatment